Mp Board Best Of Five Yojana 2023-24 10th class chalu hai ya nahi माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं परीक्षा में नवीन शैक्षणिक सत्र से बेस्ट आफ फाइव योजना समाप्त हो जाएगी । अब विद्यार्थियों को सभी छह विषयों में पास होना अनिवार्य होगा।
बोर्ड परीक्षा में एमपी बोर्ड ने बेस्ट ऑफ़ योजना को बंद करने के संबंध में प्रस्ताव शासन के पास भेजा है और इस नवीन शैक्षणिक सत्र से इस योजना को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है । इस पोस्ट में आपको बताएंगे कब से ये योजना बंद होगी और इससे विद्यार्थियों को क्या परेशानी होगी ।
MP Board Best of Five Yojana 2023 Overview
Board Name | Madhyapradesh Board Of Secondary Education |
Exam Name | Mp Board Exam Class 10th |
Scheme Name | Best Of Five Yojana |
Academic Year | 2023-24 |
Mode of Exam | Offline |
Currently Active | No |
Official Website | mpbse.nic.in |
Mp Board Best Of Five Yojana 2023-24
दरसल (Mp Board 10th class) एमपी बोर्ड परीक्षा में रिजल्ट के बाद अंकसूची बनाने में 6 में से किन्ही 5 सबसे ज्यादा अंकों वाले विषयों का ही रिजल्ट बनाया जाता था परंतु बोर्ड की पाठ्यचर्चा समिति द्वारा पिछले सत्र 2021-22 से ही इस योजना को बंद करने की योजना बनाई जा चुकी थी लेकिन कोविड की समस्याओं के चलते इस पर काम नही किया जा सका ।
Mp Board Best Of Five Yojana 2023 Class 10th
Mp Board Best Of Five Yojana के अनुसार प्रदेश में शिक्षण सत्र 2016-17 से कक्षा 9वीं एवं 10वीं की वार्षिक परीक्षा में प्राप्तांको की गणना हेतु बेस्ट फाइव पद्धति अपनाई जा रही थी, जिसके अन्तर्गत जिन 06 विषयों में माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा परीक्षा ली जाती है उन में से जिन 05 विषयों में विद्यार्थी के सबसे अधिक अंक हो, परीक्षा की गणना हेतु उन 05 विषयों के अंको को ही लिया जाता था।
Mp Board Best Of Five Yojana kya hai
Mp Board Best Of Five Yojna में हाईस्कूल (9वीं 10वीं) में छः विषय- प्रथम भाषा, द्वितीय भाषा एवं तृतीय भाषा, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान एवं गणित थे । रिजल्ट बेस्ट फाइव पद्धति से अर्थात जिन 05 विषयों में अधिकतम अंक हो उनको टोटल करके रिजल्ट घोषित किया जाता था , परन्तु पांच विषयों में (सैद्धांतिक तथा प्रायोगिक / प्रोजेक्ट) में पृथक-पृथक उत्तीर्ण होना अनिवार्य था ।
छटवा विषय जिसमें सबसे न्यूनतम अंक होते थे उसकी की गणना टोटल में नहीं की जाती थी । छटवें विषय के अंक, अंकसूची में मात्र प्रदर्शित किये जाते थे एवं इस विषय में उत्तीर्ण होना भी अनिवार्य नहीं होता था ।
Benefits Of Mp Board Best Of Five Yojana (बेस्ट ऑफ फाइव योजना के लाभ)
दोस्तों Mp Board Best Of Five Yojana की बोहोत सारी विशेषताएं थीं जिनमें से कुछ मुख्य निम्न हैं —
- एमपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में विद्यार्थी 6 विषयों में से किसी भी एक विषय में अनुत्तीर्ण होता था तो बेस्ट ऑफ फाइव योजना के अनुसार विद्यार्थी का रिजल्ट जिन पांच विषय में पास है उनके आधार पर बनाया जाता था।
- यदि विद्यार्थी किन्ही दो विषयों में फेल होता था तो उसे दो विषयों में सप्लीमेंट्री परीक्षा की पात्रता थी और वह दोनों विषयों में से किसी भी एक विषय है फिर दोनों विषय की परीक्षा दे सकता था।
- यदि छात्र 2 से ज्यादा विषयों में फेल होता था तो उसे अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया जाता था।
- विद्यार्थी की यदि 06 विषयों की परीक्षा में शामिल होकर यदि एक विषय में फेल होने पर उसका परीक्षा परिणाम बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति से पांच विषयों का बनाया जाता था तो वह छात्र अगले वर्ष में श्रेणी सुधार हेतु पुनः हाईस्कूल की परीक्षा में शामिल हो सकता था।
- बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत अगर विद्यार्थी एक विषय में फेल होता था और उसका परीक्षा परिणाम उत्तर घोषित किया जाता था तो भी छात्र फेल विषय की सप्लीमेंट्री परीक्षा उसी वर्ष दे सकता था।
- “बेस्ट फाइव” पद्धति के अन्तर्गत दो या अधिक विषयों में समान अंक होने पर “बेस्ट फाइव पद्धति के तहत परीक्षा परिणाम में सम्मिलित विषयों का क्रम भाषा समूह में प्रथम भाषा, द्वितीय भाषा, तृतीय भाषा एवं कोर विषयों गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान रहता था । भाषा ग्रुप में से एक और कोर विषयों में से एक विषय में समान अंक प्राप्त होने पर कोर विषय को परीक्षा परिणाम में सम्मिलित कर “बेस्ट फाइव पद्धति के तहत परीक्षा परिणाम एवं श्रेणी का निर्धारण पाच विषयों के आधार पर किया जाता था ।
- किसी विषय में अनुपस्थित छात्र का परीक्षा परिणाम उस विषय में अनुत्तीर्ण मानकर “बेस्ट फाइव विषयों के अंकों के आधार पर घोषित किया जाता था ।
- “बेस्ट फाइव पद्धति के अन्तर्गत टोटल में शामिल न होने वाले विषय के सामने # प्रदर्शित किया जाता था एवं अंकसूची में कुछ इस तरह से नोट प्रदर्शित किया जाता था ।
नोट:— परीक्षा परिणाम “बेस्ट फाइव पद्धति पर तैयार किया गया है परीक्षा परिणाम में # से दर्शाये गये – विषय के अंको को महायोग में सम्मिलित नहीं किया गया है।
इस तरह से पिछले सत्र तक बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना से छात्रों को लाभ मिलता था किंतु इस बार से एमपी बोर्ड कुछ अलग ही करने जा रहा है ।
MP Board Best of Five Yojana 2023 Overview
Drawbacks of mp Board Best of Five yojana (एमपी बोर्ड बेस्ट ऑफ फाइव योजना की कमियां)
दरअसल एमपी बोर्ड की बेस्ट ऑफ फाइव योजना में कई सारी कमियां हैं जिसके कारण सरकार इस योजना को बंद करने जा रही है ।
इस योजना की मुख्य कमियां निम्न हैं—
- इस प्रणाली के अंतर्गत छात्र छह विषयों में से यदि एक विषय में पास नहीं है, परंतु अंकसूची के अनुसार वह उत्तीर्ण है, तो वह आर्मी जीडी के फार्म को नहीं भर सकता क्योंकि उस फार्म में छात्रों को विज्ञान, गणित व हिंदी जैसे विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
- मप्र संचालित आईटीआई में भी यदि छात्र गणित व विज्ञान के साथ दसवीं . उत्तीर्ण नहीं करता है, तो कई ट्रेड्स में प्रवेश के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है।
- छात्र जिस विषय में कमजोर है, उस विषय की पढ़ाई ही नहीं करता। ऐसे विषयों में गणित, अंग्रेजी व विज्ञान विषय शामिल है। मुख्य विषयों का महत्व कम हो गया है। अधिकतर गणित, अंग्रेजी एवं विज्ञान विषयों को छठवां विषय के रूप में दर्शाने के कारण ही इन विषयों का परीक्षाफल कम हो जाता है। इसके लिए शिक्षकों को ही उत्तरदायी माना जाता है।
- विद्यार्थी मुख्य परीक्षा हेतु पांच विषयों की तैयारी करता है, एक विषय को छोड़ देते है। कुछ विद्यार्थी तो मुख्य परीक्षा हेतु चार विषयों की तैयारी करते है तथा पांचवां विषय पूरक परीक्षा के लिए छोड़ देते है।
- एक विद्यार्थी जो केवल पांच विषयों का अध्ययन करता है और छठवें विषय गणित में अनुत्तीर्ण हो जाता है, तो प्रथम कहलाता है। जबकि दूसरा विद्यार्थी छह विषयों की तैयारी करता है और सभी विषयों में उत्तीर्ण हो जाता है, किंतु अंक पांच विषय वाले विद्यार्थी से कम आते है, तो वह द्वितीय कहलाता है। यह उचित नहीं है।
- अन्य राज्यों में मप्र की हाईस्कूल मार्कशीट पर संदेह किया जाता है।
- प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से मुख्य विषय गणित, अंग्रेजी, विज्ञान का ज्ञान छात्र को होना चाहिए। बेस्ट फाइव के कारण यह विषय उपेक्षित रह जाते है।
बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना की इन्ही सभी कमियों और इनके गलत प्रभाव के कारण सरकार इस योजना को बंद करने जा रही है ।
एमपी बोर्ड बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना बंद होने का कारण (Reason for closure of mp board best of five scheme)
बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना के लागू होने के बाद अधिकांश छात्रों ने एक विषय के रूप में गणित व अंग्रेजी को पढ़ना बंद कर दिया , इसे देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दसवीं में बेस्ट आफ फाइव को समाप्त करने के लिए अक्टूबर 2020 में अनुशंसा की। लेकिन इसके बाद कोरोना के चलते इसे समाप्त करने पर विचार नहीं नहीं किया।
अब एक बार फिर से मंडल की पाठ्यचर्या समिति की बीते मई में आयोजित बैठक में इसे दोबारा समाप्त करने का निर्णय लिया है।
बेस्ट ऑफ फाइव है या नहीं 2023 MP
Mp board (माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश ) की तरफ से बेस्ट आफ फाइव योजना की कमियां गिनाते हुए उसे समाप्त करने की नस्ती मंत्रालय में भेज दी गई है। जल्द ही बेस्ट आफ फाइव को लेकर शासन स्तर पर आदेश जारी किए जाएंगे।
New Update >> एमपी बोर्ड की बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने के संबंध में कोई भी आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हो पाई है आता है यह माना जाए कि बेस्ट ऑफ फाइव योजना अभी भी संचालित हो रही है।
शैक्षणिक सत्र 2023 में बेस्ट ऑफ फाइव योजना का लाभ कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को मिलेगा।
गौरतलब है कि नवीन शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 13 जून से शुरू हो रही है। इसी के साथ प्रवेश नीति जारी की जाना है।
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Mp Board Best Of Five Yojana 2023 #FAQs
बेस्ट ऑफ फाइव योजना क्या है ?
बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं के छात्रों का 06 विषयों में से सबसे ज्यादा अंकों को जोड़कर रिजल्ट बनाने की योजना है ।
2023 में बेस्ट ऑफ फाइव है कि नहीं ?
शैक्षणिक सत्र 2023 के लिए एमपी बोर्ड की बेस्ट ऑफ फाइव योजना चालू है ।
एमपी बोर्ड बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना कब चालू की गई?
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं परीक्षा में विद्यार्थियों का रिजल्ट बढ़ाने के लिए वर्ष 2017 में बेस्ट आफ फाइव योजना को लागू किया गया था ।
बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना क्यों बंद की गई ?
इस योजना के कारण छात्रों ने एक विषय के रूप में गणित व अंग्रेजी को पढ़ना बंद कर दिया इस वजह से भविष्य मे परेशानियां होती थी अतः इस योजना को बंद करने का प्रस्ताव रखा गया है।
Mp Board में पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए 2023
एमपी बोर्ड में पास होने के लिए न्यूनतम 33% अंक चाहिए होते हैं।
एमपी बोर्ड परीक्षा 2023 कब होगी ?
एमपी बोर्ड परीक्षा 2023 का परीक्षा कार्यक्रम जल्द ही जारी किया जाएगा ।